केंद्र सरकार के 2047 तक एनीमिया मुक्त भारत के लक्ष्य को चरितार्थ करने के लिए इंदौर में 8 दिनों तक चलाया एनीमिया जागरूकता रथ

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केंद्र सरकार के 2047 तक एनीमिया मुक्त भारत के लक्ष्य को चरितार्थ करने के लिए इंदौर में 8 दिनों तक चलाया एनीमिया जागरूकता रथ

8 दिनों में 200 किमी का भ्रमण कर 35 हजार लोगों से मिलकर उन्हें एनीमिया के लक्षण, होम्योपैथिक उपचार तथा खानपान की दी गई जानकारी

इंदौर। केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 के आम बजट में प्रावधान लाकर वर्ष 2047 तक भारत को एनीमिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसको चरितार्थ करने हेतु दिनांक 26 फरवरी 2023 से 5 मार्च 2023 तक 8 दिनों तक एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेंटर एवं होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च प्रा.लि. और आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा एनीमिया जागरूकता रथ चलाया गया। जिसने इंदौर शहर तथा आसपास के क्षेत्रों में 8 दिनों में लगभग 200 किलोमीटर का भ्रमण किया। इस दौरान रथ के साथ चलने वाली होम्योपैथिक चिकित्सकों की टीम द्वारा करीब 35 हजार लोगों से मिलकर एनीमिया के लक्षण, होम्योपैथिक उपचार तथा खानपान की जानकारी दी गई। तो बतौर इंदौर सासंद शंकर लालवानी कहते हैं कि जिस तरह से इंदौर स्वच्छता में नंबर-1 है उसी तरह से डॉ. एके द्विवेदी के अथक प्रयासों से एनीमिया मुक्त करने में भी नंबर-1 बनेगा।

शहर के प्रख्यात चिकित्सक और आयुष मंत्रालय की वैज्ञानिक सलाहकार समिति (केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद्) के अहम सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी ने बताया कि इस एनीमिया जागरूकता रथ के माध्यम से न केवल लोगों को खून की कमी से होने वाली तरह-तरह की छोटी-बड़ी समस्याओं के बारे में जागरूक किया गया बल्कि इनसे बचाव के अत्यंत सरल व घर में उपलब्ध खानपान के बारे में लोगों को बताया गया। इसके अलावा रक्त की कमी की वजह से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का सरल औषधीय उपचार भी किया गया। तो चुनिंदा जरूरतमंद मरीजों को निःशुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई गई। साथ ही पैपलेंट बांटे गए जिस पर रक्त की कमी को दूर करने और हिमोग्लोबीन को बढ़ाने के लिए उपयोगी खाद्य पदार्थों की जानकारी थी। रथ भ्रमण के साथ ही हमारे द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भी लोगों को जागरूक किया गया। उल्लेखनीय है कि ढाई दशकों से एनीमिया के मरीज़ों का सफलतापूर्वक होम्योपैथी इलाज कर रहे डॉ. द्विवेदी पेशेंट्स अवेयरनेस के लिए पिछले कई सालों से एनीमिया रथ सप्ताह का आयोजन इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में कर रहे हैं। जिससे बड़ी संख्या में इंदौर और आसपास के मरीज लाभान्वित होते हैं। वहीं माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एवं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के जनवरी 2023 में इंदौर प्रवास के दौरान डॉ. द्विवेदी ने उनसे भेंटकर 2023 के बजट में एनीमिया के इलाज के लिए प्रावधान करने का आग्रह किया था। जिसे सहृदयता से स्वीकार कर लिया गया है। इसके लिए डॉ. एके द्विवेदी राष्ट्रपति एवं वित्तमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करते हैं हुए कहते हैं कि केंद्रीय बजट में 2047 तक देश को एनीमिया-मुक्त करने की घोषणा वाकई में एक बड़ा कदम है और भारत एनीमिया मुक्त होने की ओर अग्रसर होगा।

रेंडमली सीबीसी जांच के बाद आए आंकड़े चिंता का विषय

डॉ. एके द्विवेदी बताते हैं कि वे होम्योपैथिक चिकित्सा को लेकर लागातार कार्य करते हुए अनेक गंभीर बीमारियों का इलाज इसके माध्यम से कर रहे हैं। वे 25 वर्षों से अधिक समय से होम्योपैथिक चिकित्सा के माध्यम से सिकल सेल एनीमिया, अप्लास्टिक एनीमिया जैसी गंभीर रोगों का उपचार कर मरीजों को राहत दे रहे हैं।  उल्लेखनीय है कि उनके द्वारा समय-समय पर कैंप लगाकर लोगों में एनीमिया की जांच की जाती है। जिनकी रिपोर्ट चौंकाने वाली है। इसी वर्ष 2023 में जनवरी-फरवरी माह में स्कूल व गांव में की गई रेंडमली सीबीसी जांच के आधार पर देखा जाए तो 11 से 40 आयु वर्ग के महिला-पुरुष व बच्चों की रिपोर्ट में गांव में आंकड़ा 50 प्रतिशत तो स्कूल में यह प्रतिशत 78.52 रहा था। जो कि एक चिंता का विषय है।



नेशनल फेमेली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट में प्रदेश व इंदौर में एनीमिया की स्थिति

नेशनल फेमेली हेल्थ सर्वे-5 (2019-21) की रिपोर्ट के अनुसार मप्र और इंदौर में एनीमिया की स्थिति भी चिंता का विषय है। रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में 6 से 59 माह के बच्चों में एनीमिया का प्रतिशत 72.7 है। 15 से 49 वर्ष की नॉन प्रेग्नेंट महिलाओं का प्रतिशत 54.7 है तो गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत 52.9 है। जबकि 15 से 49 आयु वर्ग की सभी महिलाओं का प्रतिशत 54.7 है और 15 से 19 वर्ष की सभी महिलाओं का प्रतिशत 58.1 है। वहीं मप्र में पुरुष की बात करे तो 15 से 49 आयु के सभी पुरुषों का प्रतिशत 22.4 और 15 से 19 वर्ष के सभी पुरुषों को प्रतिशत 30.5 है। इधर, इंदौर जिले की बात करें तो यहां 6 से 59 माह के बच्चों में एनीमिया का प्रतिशत 78.8 है। 15 से 49 वर्ष की नॉन प्रेग्नेंट महिलाओं का प्रतिशत 47.9 है तो गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत 52.8 है। जबकि 15 से 49 आयु वर्ग की सभी महिलाओं का प्रतिशत 48.1 है और 15 से 19 वर्ष की सभी महिलाओं का प्रतिशत 55.9 है।