कैंसर अप्लास्टिक एनीमिया जैसी कई जानलेवा बीमारियों के उपचार में होम्योपैथी कारगर: डॉ. ए.के. द्विवेदी

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कैंसर अप्लास्टिक एनीमिया जैसी कई जानलेवा बीमारियों के उपचार में होम्योपैथी कारगर: डॉ. ए.के. द्विवेदी

इंदौर । वर्तमान जीवनशैली की वजह से कैंसर तथा अप्लास्टिक एनीमिया जैसी कई घातक बीमारियों के मामले तेजी से बढ़े हैं इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कैंसर उन बीमारियों में से एक है, जो रोगी के जीवन को पटरी से उतार देती है और परिवार को गंभीर परेशानी एवं आर्थिक  रूप से प्रभावित करती है। इसलिए कैंसर के शुरूआती लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का इलाज आसान है। देश के प्रसिद्ध होम्योपैथी  चिकित्सक डॉ. ए. के. द्विवेदी के अनुसार कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए होम्योपैथी काफी कारगर साबित हो रही है। वे कहते हैं कि कैंसर की हर स्टेज में होम्योपैथिक दवाएं अच्छा परिणाम दे रही है।

कैंसर के कारण एवं  प्रकार, जिनका होम्योपैथी कर सकती है उपचार इन्दौर, मध्य प्रदेश स्थित एडवांस्ड होम्यो हैल्थ सेंटर एवं होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च प्रा.लि. के संचालक डॉ. ए.के. द्विवेदी युवाओं से आग्रह करते हैं कि वे अपनी जवानी को ड्रग्स, तम्बाकू, सिगरेट एवं शराब के सेवन से बर्बाद न करें, बल्कि अपनी क्षमता सकारात्मक कार्यों में लगाएं। वे कहते हैं कि होम्योपैथी ऐसा विकल्प है, जिसे आजकल बहुत लोग अपना रहे हैं जिसका प्रमुख कारण हैं कि इन दवायों का शरीर पर दुः परिणाम नहीं होता हैं । होम्योपैथी में कैंसर की विस्तृत शृंखला को ठीक करने की क्षमता है। । आइए, हम आपको कैंसर के कुछ ऐसे प्रकारों के बारे में बताते हैं, जिनका होम्योपैथी से  इलाज कर  सकते हैं।

 

कैंसर - मेटास्टेसिस में प्लेटलेट हीमोग्लोबिन या सभी सेल्स कम हो सकते हैं घबराने की ज़रूरत नहीं  होम्योपैथी इलाज से बढ़ सकते हैं

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पित्त नली का कैंसर

पित्त नली हमारे पाचन तंत्र में अहम भूमिका निभाती है, क्योंकि यह लिवर को पित्ताशय और छोटी आंत से जोड़ती है। पित्त नली के कैंसर को चिकित्सकीय भाषा में कोलेंजियोकार्सिनोमा कहा जाता है। यह आमतौर पर 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। बाइल डक्ट कैंसर की वहज की बात करें तो यह मुख्य रूप से अस्पष्ट है। खुशकिस्मती से, होम्योपैथी  पित्ताशय एवं  पित्त नली के कैंसर में रोगी को काफी राहत प्रदान करती रही हैं ।

स्तन कैंसर

वर्तमान समय में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर काफी आम है। स्तन कैंसर के मामलों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। यहां, संक्रमण दुग्ध मिल्कडक्ट  से शुरू होता है, विशेषकर भीतरी परतों में। इस तरह के मामलों में होम्योपैथी गांठ के आकार को कम करने में मदद करती है। यह दर्द और डिस्चार्ज को कम करने में भी फायदेमंद साबित हो रही हैं|  आपरेशन के बाद हाथों में सूजन कम करने में भी सहायक है|

थायराइड कैंसर

इस प्रकार का कैंसर पैराफोलिकुलर थायरॉयड कोशिकाओं से शुरू होता है। इन कोशिकाओं पैपिलरी थायरॉयड कैंसर, कूपिक थायरॉयड कैंसर और एनाप्लास्टिक थायरॉयड कैंसर भी विकसित हो सकते हैं। इस तरह के कैंसर से महिलाओं को ज्यादा खतरा होता है। होम्योपैथी चिकित्सा द्वारा थायराइड कैंसर के मरीजों को भी राहत मिल सकती है, लेकिन इसका असर थायराइड कैंसर के प्रकार पर निर्भर करता है।

ओवेरियन या अंडाशयी कैंसर

ब्रेस्ट कैंसर के अलावा महिलाएं ओवेरियन कैंसर का भी काफी शिकार होती हैं। यह कैंसर अंडाशय को भी प्रभावित करता है। ऐसे मामलों में होम्योपैथी दवाएं बिना किसी दुष्प्रभाव के डिम्बग्रंथि के कैंसर में आराम दिलाने में मदद कर सकती हैं।

फेफड़े का कैंसर

अमेरिका सहित प्रमुख देशों में कैंसर से संबंधित अधिकांश मौतों का कारण फेफड़ों का कैंसर ही है। इस तरह के कैंसर धूम्रपान और अत्यधिक प्रदूषित वातावरण में रहने से हो सकते हैं। होम्योपैथी फेफड़ों के कैंसर में भी काफी प्रभावी है | इस तरह के कैंसर के अलावा और भी कई रूप हैं, जिनका होम्योपैथी से इलाज किया जा सकता है। जैसे- मुँह (मुख) का कैंसर, गर्भाशय कैंसर, पेट का कैंसर, अग्नाशय का कैंसर, गुर्दे का कैंसर और मूत्राशय तथा प्रोस्टेट का कैंसर।

इन्दौर में एडवांस्ड होम्यो हैल्थ सेंटर एवं होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च प्रा.लि. के संचालक डॉ. ए.के. द्विवेदी बताते हैं कि आजकल कैंसर से भी भयानक बीमारी के रूप में अप्लास्टिक एनीमिया दिखने को मिल रहा है र। इस बीमारी में तकलीफ यदि बढ़ी हुई है तो मरीज को ब्लड व प्लेटलेट्स बार-बार चढ़वाना पड़ता है। इस तकलीफ को भी होम्योपैथिक इलाज से काफी  कम किया जा रहा  है। कैंसर के मामलों में ऑपरेशन, कीमोथैरेपी तथा रेडियोथैरेपी के साथ भी होम्योपैथिक दवाइयां ली जा सकती हैं।जिससे खून (रक्त) और ब्लड सेल्स को भी बढ़ाया जा सकता है।

होम्योपैथिक दवाओं से हुआ प्लेटलेट्स में सुधार

कैंसर में ऑपरेशन, कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी के बाद भी जब स्वास्थ्य समस्याएं कम नहीं होती, तो होम्योपैथी इस स्थिति में काफी  सहायक हो सकती है। ऐसी ही एक मरीज वीणा त्रिवेदी बताती हैं कि उन्हें कैंसर के कारण मेटास्टेसिस भी हो गया था। इलाज के दौरान वे कई बार अस्पताल में भर्ती भी रहीं। उन्होंने कई बार कीमोथैरेपी भी करवाई। बाद में पता चला कि प्लेटलेट्स काउंट तीन हजार ही रह गया। रिकवरी के लिए उन्होंने अस्पताल में भर्ती होकर काफी संख्या में प्लेटलेट्स भी चढ़वाए, लेकिन प्लेटलेट्स काउंट नहीं बढ़ा। डॉ. ए.के. द्विवेदी के होम्योपैथिक इलाज के बारे में जानकारी मिलने पर वे उनसे मिलीं। डॉ. द्विवेदी ने कुछ दिनों तक  होम्योपैथिक दवा दी। उनके सेवन से वे कुछ ही दिनों में मैं ठीक हो गईं और प्लेटलेट्स काउंट बढ़कर 2 लाख से अधिक  हो गया। वे अपने उपचार के लिए डॉ. द्विवेदी का आभार प्रकट करती हैं।

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अधिक जानकारी के लिए एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेंटर; होम्योपैथिक

मेडिकल रिसर्च सेंटर प्रा. लि. , मनोरमा गंज, गीता भवन रोड इंदौर,

मध्यप्रदेश पर संपर्क कर सकते हैं।

9993700880, ,0731-4064471, 

drakdindore@gmail.com

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