एनीमिया को ना समझे एक साधारण सी बीमारी इससे खुद को बचाएं

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एनीमिया को ना समझे एक साधारण सी बीमारी इससे खुद को बचाएं

नीमिया एक साधरण-सी लगने वाली बीमारी है। बॉडी में आयरन की कमी को हम आम बात समझकर इस पर खास ध्यान नहीं देते। हमारी यही लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। चिकित्सकों के अनुसार हमारे शरीर के सेल्स को जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। शरीर के अलग-अलग हिस्सों में ऑक्सीजन रेड ब्लड सेल्स (आरबीसी) में मौजूद हीमोग्लोबिन पहुंचाता है। आयरन की कमी और दूसरी वजहों से रेड ब्लड सेल्स और हीमोग्लोबिन की मात्रा जब शरीर में कम हो जाती है, तो उस स्थिति को एनीमिया कहते हैं। आरबीसी और हीमोग्लोबिन की कमी से सेल्स को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। कार्बोहाइड्रेट और फैट को जलाकर एनर्जी पैदा करने के लिए ऑक्सीजन जरूरी है। ऑक्सीजन की कमी से हमारे शरीर और दिमाग के काम करने की क्षमता पर असर पड़ता है।

कितनी तरह का एनीमिया

एनीमिया खून की सबसे सामान्य समस्या है। हमारे देश में आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया सबसे ज्यादा पाया जाता है। करीब 90% लोगों में यही एनीमिया होता है, खासकर महिलाओं और बच्चों में।

1. माइल्ड- अगर बॉडी में हीमोग्लोबिन 10 से 11 g/dL के आसपास हो तो इसे माइल्ड एनीमिया कहते हैं। इसमें हेल्थी और बैलेंस्ड डाइट खाने की सलाह के अलावा आयरन सप्लिमेंट्स दिए जाते हैं।

2. मॉडरेट- अगर हीमोग्लोबिन 8 से 9 g/dL होगा तो इसे मॉडरेट एनीमिया कहेंगे। इसमें डाइट के साथ-साथ इंजेक्शंस भी देने पड़ सकते हैं।

3. सीवियर - हीमोग्लोबिन अगर 8 g/dL से कम हो तो सीवियर एनीमिया कहलाता है, जो एक गंभीर स्थिति होती है। इसमें मरीज की हालत की गंभीरता को देखते हुए ब्लड भी चढ़ाना पड़ सकता है।

क्या हैं कारण

  • आयरन, विटामिन सी, विटामिन बी 12, प्रोटीन या फॉलिक एसिड की कमी
  • हेमरेज या लगातार खून बहने से खून की मात्रा कम हो जाना
  • ब्लड सेल्स का बहुत ज्यादा मात्रा में नष्ट हो जाना या बनने में कमी आ जाना
  • पेट में कीड़े (राउंड वॉर्म और हुक वॉर्म) होना
  • लंबी बीमारी जैसे कि पाइल्स आदि, जिनमें खून की कमी होती हो
  • पीरियड्स में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग
  • ल्यूकिमिया, थैलीसीमिया आदि की फैमिली हिस्ट्री है, तो 50% तक चांस बढ़ जाते हैं
  • जंक फूड ज्यादा खाने से
  • एक्सर्साइज़ न करने से
  • प्रेगनेंट महिलाओं का हेल्दी डाइट न लेना

 

किन्हें खतरा ज्यादा

किडनी, डायबीटीज, बवासीर, हर्निया और दिल के मरीजों को, शाकाहारी लोगों को, प्रेगनेंट या स्मोकिंग करनेवाली महिलाओं को।

नोट: पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं क्योंकि इससे शरीर में आयरन तेजी से कम हो जाता है।

लक्षण

  • कमजोरी, थकान और चिड़चिड़ापन
  • किसी भी काम में मन या ध्यान न लगना
  • दिल की धड़कन नॉर्मल न होना
  • सांस उखडऩा और चक्कर आना
  • छोटे-छोटे कामों में भी थकान महसूस होना
  • आंखें, जीभ, स्किन और होंठ पीले पडऩा

नोट: ये सामान्य लक्षण हैं, लेकिन यह स्थिति लगातार बनी रहे तो कई गंभीर लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं। ऐसे ही लक्षण किसी दूसरी बीमारी के भी हो सकते हैं।

गंभीर लक्षण

  • सिर, छाती या पैरों में दर्द होना
  • जीभ में जलन होना, मुंह और गला सूखना
  • मुंह के कोनों पर छाले हो जाना
  • बालों का कमजोर होकर टूटना
  • निगलने में तकलीफ होना
  • स्किन, नाखून और मसूड़ों का पीला पड़ जाना
  • एनीमिया लगातार बना रहे तो डिप्रेशन का रूप ले लेता है

नोट : महिलाओं, पुरुषों और बच्चों में एनीमिया के लक्षण एक जैसे ही होते हैं।

कितना हो हीमोग्लोबिन

महिला - 11 से 15  g/dL के बीच

पुरुष - 11.5 से 17 g/dL के बीच

 

खानपान पर ध्यान जरूरी

आयरन की डिमांड पूरी करने के लिए हमें हेल्थी और बैलेंस्ड डाइट खानी चाहिए। तीनों मील्स के अलावा दो स्नैस भी खाएं और खाने में अंडे, साबुत अनाज, सूखे मेवे, फल और हरी पत्तेदार सब्जियां ज्यादा मात्रा में हों।

आयरन से भरपूर चीजें खाएं। जिन चीजों में ज्यादा आयरन होता है, उन्हें नीचे घटते क्रम में दिया गया है। यानि सबसे ज्यादा आयरन वाली चीजें पहले और कम वाली उसके बाद...

फल- खुबानी, अंजीर, केला, अनार, अन्नास, सेब, अमरूद, अंगूर आदि

सब्जियां- पालक, मेथी, सरसों, बथुआ, धनिया, पुदीना, चुकंदर, बीन्स, गाजर, टमाटर आदि

ड्राई फ्रूट्स- बादाम, मुनक्का, खजूर, किशमिश आदि दूसरी चीजें- गुड़, सोयाबीन, मोठ, अंकुरित दालें, दूसरी दालें खासकर मसूर दाल, चना, गेंहू, मूंग आदि।

होम्योपैथी से इलाज

रिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. ए.के. द्विवेदी के अनुसार सभी प्रकार की एनीमिया के रोकथाम व इलाज में होम्योपैथी काफी हद तक सहायक है, यदि हम एनीमिया के कारण जैसे खुनी बवासीर, मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव, पेट के कीड़े तथा आयरन व प्रोटीन का न पचना इत्यादि के आधार पर होम्योपैथिक दवाइयों का चयन करेंगे तो हिमोग्लोबिन सहित सेल्स को भी बढ़ाया जा सकता है।