ओस्टियोपोरोसिस... यानि हड्डियों का जोखिम

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ओस्टियोपोरोसिस... यानि हड्डियों का जोखिम

स्टियोपोरोसिस या छिद्रित हड्डियों यह हड्डियों की एक आम बीमारी है जिसमें हड्डियां का द्रव्यमसन घट जाता है तथा हड्डियों के ऊतको का संरचनात्मक क्षरण होने लगता है जिसमें हड्डियां की भंगुरता बढ़ जाती है तथा कूल्हों, रीढ तथा कलाई में फ्रैक्चर होने का जोखिम बढ़ जाता है। ओस्टियोपोरोसिस से महिला तथा पुरुष दोनों प्रभावित होते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जिसकी रोकथाम और उपचार किया जा सकता है। ओस्टियोपोरोसिस को एक खामोश बीमारी कहा जाता है क्योंकि हड्डियों का नुकसान बिना किन्हीं लक्षणों के होता हैं, उनमें से एक महिला तथा 4 में से एक पुरुष को अपने जीवनकाल में ओस्टियोपोरोसिस संबंधी फ्रैक्चर होते हैं और तो और जिन महिलाओं को रजोनिवृत्ति के आसपास या इसके बाद फ्रैक्चर हुआ है उन्हें दुगुनी संभावना होती है कि उन्हें और फैक्चर हो जाए। जिन लोगों की ओस्टियोपोरोसिस के कारण कूल्हे की हड्डी टूट जाती है उनमें से 20 प्रतिशत तक लोगों की सालभर में मृत्यु हो जाती है।

ओस्टियोपोरोसिस क्यों होता है?

ओस्टियोपोरोसिस हड्डियों की सशक्तता उनके द्रव्यमान तथा घनत्व पर निर्भर करती है। अस्थि घनत्व और सबलता बनाए रखे के लिए शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम तथा खनिज लवणों एवं अस्थि कोशिकाओं की कार्य प्रणाली को विनियमित करने में सहायता प्रदान करने वाले निश्चित प्रकार के हार्मोन्स का उचित उत्पादन तथा विटामिन डी की पर्याप्त आपूर्ति की आवश्यकता होती है जो कि कैल्शियम के अवशोषण तथा सामान्य अस्थि निर्माण के लिए अत्यावश्यक है।

केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय  (भारत सरकार) में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य व सेंटर के संचालक डॉ. एके द्विवेदी के अनुसार हड्डियां गतिशील तथा सजीव ऊतक है हमारा शरीर निरंतर रूप से नई हड्डियां बनाता और पुरानी को हटाता रहता है। बचपन में हटने के बजाए हड्डियां बनती ज्यादा है इसलिए हड्डियों का आकार बढ़ता है। 30 या 40 की उम्र के बाद नई हड्डियों को बनाने वाली कोशिकाएं अस्थियां घटाने वाली कोशिकाओं जितना काम नहीं कर पाती है और हड्डियों की कुल मात्रा घटने लगती है तथा इसके परिणास्वरूप ओस्टियोपोरोसिस विकसित हो सकता है।

पुरुषों में हड्डियों के नुकासन की औसत दर तथा जो महिलाएं अभी रजोनिवृत नहीं हुई उनमें कम होती है। लेकिन रजोनिवृति के बाद महिलाओं में हड्डियों को नुकसान औसतन वर्ष में एक से दो प्रतिशत बढ़ता है।

रजोनिवृति के बाद एस्ट्रोजन (महिला हार्मोन) स्तरों का तेजी से घटना इसका कारण होता है शरीर की हड्डियां बनाने वाली कोशिकाओं की क्रियाशील बनाए रखने में एस्ट्रोजन का स्तर घटता है तो कुछ संरक्षण समाप्त हो जाता है।

ओस्टियोपोरोसिस के विकसित होने का जोखिम इस बात पर निर्भर करता है कि 25 तथा 35 (अधितकम अस्थि द्वव्यमान) की आयु के बीच आपका अस्थि द्रव्यमान कितना रहा है तथा बाद में यह कितनी तेजी से घटा है आपका अस्थि द्रव्यमान जितना अधिक होगा तो आपके पास भंडार में अधइक अस्थियां होगी जिससे आपको ओस्टियोपोरोसिस होने का अंदेशा घटेगा, क्योंकि सामान्यरूप जोखिम घटकों की जल्दी जानकारी तथा उनकी डॉक्टर से उचित सलाह लेकर ओस्टियोपोरोसिस के रोकथाम के बारे में कदम उठाने से आने वाली परेशानियों से बचाव संभव है।

ओस्टियोपोरोसिस विकसित होने के जोखिम घटक क्या हैं?

  • महिला का होना
  • कॉकेशियन या एशियाई वंश
  • ओस्टिपोरोसिस का पारिवारिक इतिहास ( उदाहरण के लिए माता को यदि ओस्टोपोरोसिस के कारण कूल्हे का फ्रैक्चर हुआ है तो आपको कूल्हे का फ्रैक्चर होने का जोखिम दुगुना हो जाता है)।
  • एक व्यस्क के रूप में फ्रैक्चर संबंधी आपका व्यक्तिगत इतिहास
  • धूम्रपान करना
  • अधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन
  • नियमित व्यायाम न करना
  • भोजन में कैल्शियम की कम मात्रा या फास्ट फूड का अधइक सेवन करना
  • ठीक प्रकार से अवशोषण न होना ( पाचनतंत्र द्वारा पोषहारों का ठीक प्रकार से अवशोषण न किया जाना।