इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज की लैब में शुरू होगी मंकीपाक्स वायरस की जांच

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इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज की लैब में शुरू होगी मंकीपाक्स वायरस की जांच

एनसीडीसी ने पशुजन्य रोगों की जांच के लिए चिह्नित किए इंदौर, भोपाल और जबलपुर के मेडिकल कॉलेज

इंदौर। एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर की लैब सहित भोपाल और जबलपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मंकीपाक्स और अन्य पशुजन्य रोग ( ऐसे रोग जो पशुओं से मानव में आए हैं) की जांच जल्द ही शुरू होगी। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने पशुजन्य रोगों के निदान, जांच के लिए इन कॉलेजों को चुना है। जिसका उद्देश्य पशुजन्य रोगों की निगरानी, निदान और जांच की व्यवस्था को मजबूती प्रदान करना है। एनसीडीसी पूरे देश में मेडिकल कॉलेजों को चिह्नित कर रहा है जहां पशुजन्य रोगों की जांच की व्यवस्था की जा सके। पहले चरण में प्रदेश के तीन मेडिकल कॉलेजों का चयन हुआ है। इसमें इंदौर के अलावा जबलपुर व भोपाल के मेडिकल कॉलेजन शामिल हैं। लैब शुरू करने को लेकर एनसीडीसी ने चिह्नित तीनों मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से कहा है कि वे नामांक और प्रस्ताव बनाकर भेजें ताकि स्पष्ट हो कि उनके पास जांच शुरू करने के क्या इंतजाम हैं और किन अतिरिक्त संसाधनों की जरूरत है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हम जल्द ही अपना प्रस्ताव तैयार कर भेज देंगे। नामांकन के बाद इंदौर में मंकी पाक्स के साथ ही स्क्रब टाइफस, रिकेटि्सयल संक्रम, लेप्टोस्पायरोसिस, केएफडी, ब्रुसेलोसिस, आदि पशुजन्य रोगों की जांच शुरू हो जाएगी। एनसीडीसी इसके लिए चिह्नित कॉलेजों को तकनीकी एवं वित्तीय सहायता भी देगा।

जानिए पशुजन्य रोग....

जो बीमारियां जानवरों से मनुष्यों में फैलती है उन्हें पशुजन्य रोग कहा जाता है। अब तक 60 से ज्यादा ऐसी बीमारियों का पता लगाया जा चुका है। पशुजन्य बीमारियों को फैलने में घरेलू और जंगली जानवर दोनों शामिल हो सकते हैं। 70 प्रतिशत से ज्यादा पशुजन्य रोग जंगली जानवरों से फैलते हैं। पशुजन्य रोगों को बढ़ने की एक वजह तेजी से बढ़ रहा शहरीकरण भी है।