कोरोना से बचाव के लिए लिखी गई इंदौर के लेखक डॉ. ए.के. द्विवेदी की पुस्तक गोवा में केंद्रीय मंत्री द्वारा लोकार्पित

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इंदौर। देवी अहिल्या की नगरी में साहित्य सृजन की नगरी है। पठन-पाठन और लेखन में गहरी रूचि के चलते यहां नित्यप्रति पुस्तकें लिखे जाने और उनके लोकार्पण का सिलसिला निर्बाध रूप से जारी रहता है। मगर इनमें से कुछ ही पुस्तकें ऐसी होती हैं जो समूचे साहित्य परिवेश को सकारात्मक दिशा देने के साथ-साथ जनमानस को भी सही राह सुझाती हैं। ऐसी ही किताब है कोरोना के साथ और कोरोना के बाद ..... जिसे पुस्तक के बजाय संदर्भ दस्तावेज कहना ज्यादा सही होगा, क्योंकि इसमें संकलित जानकारियां न केवल वर्तमान पीढ़ी को बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों को महामारियों से बचाव की सही राशि और कारगर उपाय सुझाती रहेंगी। 

इंदौर के ख्यात होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. ए.के. द्विवेदी द्वारा लिखित इस किताब का लोकार्पण गोवा के सांसद श्रीपाद नाईक जी के निवास स्थान पर संपन्न हुआ। इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री श्रीपद नाईक जी ने कहा कि देश में कोरोना महामारी से जुड़े मामले एक बार फिर से बढ़ रहे हैं। कोरोना की पहली दो लहरों की तरह स्थिति बेकाबू होकर भयावह रूप ले, इससे पहले कोरोना के बढ़ते मामलों पर पूर्ण नियंत्रण नितांत आवश्यक है। किताब 'कोरोना के साथ और कोरोना के बाद` इसी दिशा में उठाया गया एक प्रभावी कदम है। इस अवसर पर इंदौर के ख्यातनाम समाजसेवी  श्री भरत मोदी ने कहा कि देश दुनिया को परेशान कर देने वाली महामारी कोरोना पर प्रामाणिक पुस्तक का विचार मुझे इतना आकर्षक लगा कि मैंने इसे अपनी मां स्व. चंद्रप्रभा देवी की स्मृति में समर्पित करने का निर्णय कर लिया।

शामिल किए हर वर्ग के अनुभव

लेखक डॉ. ए के द्विवेदी ने कहा कि इस पुस्तक में हमने डॉक्टर्स, पेशेंट्स और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ-साथ कोरोना महामारी के दौरान अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पुलिस, प्रशासन, बैंककर्मी, कॉरपोरेटर्स समेत समाज के हर महत्वपूर्ण वर्ग के अनुभवों को शामिल करने की कोशिश की है, क्योंकि कोरोना ने समाज के हर वर्ग को प्रभावित किया है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की सी सी  आर एच के  वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के मध्य प्रदेश के एकमात्र सदस्य डॉ. द्विवेदी ने बताया कि इसी के दृष्टिगत मध्य प्रदेश के राज्यपाल महामहिम मंगूभाई पटेल ने भी हमारे प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की है।

हल्के में न लें महामारी को

पुस्तक के संपादक वरिष्ठ लेखक अनिल त्रिवेदी ने कहा कि दुनिया भर में करोड़ों लोगों को प्रभावित कर असमय ही लाखों लोगों की मृत्यु का कारण बनी कोरोना महामारी को अब भी हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इसलिए यह कृति आज के दौर की महती आवश्यकता है। इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां हर खास-ओ-आम तक पहुंचाने के लिए किताब का अंग्रेजी अनुवाद भी किया जा रहा है। जिसे नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर हमारे देश की आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 15 अगस्त को लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है। कार्यक्रम में कुसुम मोदी, डॉ. दिव्या दीक्षित समेत अनेक गणमान्य जन मौजूद थे। 

नितिन गडकरी ने भी प्रयास को सराहा

इससे पूर्व नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी जी ने भी पुस्तक पर चर्चा करते हुए प्रामाणिक जानकारी युक्त पुस्तक के माध्यम से कोरोना के बारे में लोगों को जागरूक करने के डॉ. द्विवेदी और श्री त्रिवेदी के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए ऐसे सद्प्रयासों को भविष्य में भी जारी रखने की सलाह दी। इस दौरान पुस्तक के लेखक और संपादक ने गोवा के विवांता बाय ताज होटल में आयोजित डॉक्टरों की हेल्थकोपिया साउथ एशिया समिट में भी हिस्सा लिया।

कोरोना के साथ कोरोना के... बाद पुस्तक अमेजोन वेबसाइट पर भी उपलब्ध है

होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी द्वारा लिखी गई पुस्तक कोरोना के साथ कोरोना के बाद... लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है। कई लोग इसे आर्डर देकर मंगवा भी रहे। वहीं यह पुस्कत अमेजोन वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। आप चाहे तो इस पुस्तक को https://www.amazon.in/dp/9393107289?ref=myi_title_dp यहा जाकर खरीद सकते हैं।