अब 18 से 59 साल के आयुवर्ग के व्यक्तियों को भी निःशुल्क लगेगा सतर्कता डोज

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अब 18 से 59 साल के आयुवर्ग के व्यक्तियों को भी निःशुल्क लगेगा सतर्कता डोज
  • कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने किया निर्णय

  • सरकारी केंद्रों पर ही निःशुल्क लगेगा सतर्कता डोज, निजी अस्पतालों या डिस्पेंसरी में लगवाने पर पहले की तरह चुकाना होगा उसका मूल्य

इंदौर। कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी व्यस्कों को मुफ्त में सतर्कता डोज लगाने का निर्णय किया है। देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर मनाए जा रहे सरकार के आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में 15 जुलाई से अगले 75 दिनों तक मउख्य सतर्कता डोज अभियान चलाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसे हरी झंडी दी गई। सरकारी केंद्रों पर अभी केवल 60 से अधिक उम्र के लोगों, स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर को ही मुख्य सतर्कता डोज लगाई जा रही थी। कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 18 से 59 वर्ष आयुवर्ग के लिए कोरोना वैक्सीन की सतर्कता डोज मुख्य में लगाने का फैसला किया गया है। यह सुविधा केवल सरकारी टीका केंद्रों पर ही मिलेगी। अगर कोई निजी अस्पतालों या डिस्पेंसरी में सतर्कता डोज लगवाता है तो पहले की तरह उसे उसका मूल्य चुकाना होगा।

दूसरी डोज के 6 महीने बाद लगा सकते हैं सतर्कता डोज

पिछले हफ्ते ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद सतर्कता डोज लेने की समयसीमा को 9 माह से घटाकर 6 माह कर दिया था। अब 18 से से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति, जिसने 6 माह या उससे पहले कोरोना रोधी वैक्सीन की दूसरी डोज ले ली थी, सरकारी सेंटर पर जाकर सतर्कता डोज लगवा सकता है।

मप्र में 5 करोड़ से अधिक वयस्कों को डोज लगनी बाकी

मप्र टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला ने बताया कि मप्र में 18 साल से ऊपर के पांच करोड़ लोगों को सतर्कता डोज लगाई जाएगी। 18 साल से ऊपर के प्रदेश में करीब पांच करोड़ 49 लाख लोग हैं। करीब पांच करोड़ लोगों को सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क सतर्कता डोज लगाई जाएगी।

इंदौर में ढाई लाख से ज्यादा लोग जिन्होंने बारी आने के बाद भी नहीं लगवाई सतर्कता डोज

शहर के ढाई लाख से ज्यादा लोग हैं जिन्होंने अपनी बारी आने के बावजूद अबतक सतर्कता डोज नहीं लगवाई है। इनमें 18 से 59 आयुवर्ग के लोगों की संख्या एक लाख से अधिक है जबकि बाकी 59 उम्र से अधिक के लोग है। केंद्र द्वारा निःशुल्क सतर्कता डोज लगवाने की घोषणा के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि ये लोग सेंटरों पर सतर्कता डोज लगवाने पहुंचेंगे। वहीं जिला टीकाकरण नोडल अधिकारी डॉ. तरूण गुप्ता के अनुसार बुधवार देर शाम तक हमें शासन स्तर पर इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। हम शासन के दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।