कमजोर हो रहा है युवाओं का दिल... दिल को बचाना है तो युवाओं को खानपान, सोने-जागने जैसे कामों को लाना होगा रूटीन में

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कमजोर हो रहा है युवाओं का दिल... दिल को बचाना है तो युवाओं को खानपान, सोने-जागने जैसे कामों को लाना होगा रूटीन में

इंदौर। कोरोना की दूसरी लहर के बाद दिल के मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ी है। इसमें युवाओं का दिल ज्यादा प्रभावित होता दिखाई दिया है। कॉर्डियोलॉजी विभाग में पिछले साल की तुलना में युवा मरीजों की संख्या 30 प्रतिशत तक बढ़ी है। इनमें 14 प्रतिशत मरीज ऐसे है जिन्हें 40 वर्ष की उम्र तक के ही एंजियोप्लास्टी कर स्टेंट डालने की नौबत आ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमित रहे लोगों में ऐसी समस्या ज्यादा है। कुछ मामले ऐसे हैं जिनमें पहले से दिल की बीमारी थी और कोरोना के बाद समस्या ज्यादा हो गई। राहत की बात यह है कि इन हालात के बीच दिनचर्या में बदलाव और व्यायाम से स्वस्थ रहा जा सकता है।

एक जानकारी के अनुसार इंदौर शहर में हर दिन 50 से 60 हृदय रोगी शहर के सरकारी व निजी अस्पतालों में सीने में दर्द, धड़कन बढ़ना, जी मचलाना, सांस फूलना जैसी शिकायत लेकर पहुंच रहे है। और उनकी जांच में पता चलता है कि वे दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एडी भटनागर कहते हैं कोरोना की दूसरी लहर के बाद हृदय रोगियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। ऐसा इसलिए भी हुआ है क्योंकि बड़ी आबादी संक्रमित हुई थी। वायरस के दुष्प्रभाव में दिन की बीमारियों भी हैं।

आए जानते हैं वरिष्ठ होम्यो चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी से बढ़ते हार्ट अटैक का कारण और उससे बचाव के उपाय...

आजकल कम उम्र में भी हार्टअटैक आने लगा है यदि गंभीरता से इसका अध्ययन करे तो पाएंगे कि इसके लिए तनाव काफी हद तक मुख्य वजह में से एक है। जहां पहले 45 से 65 वर्ष के लोगों में हार्टअटैक होना पाया जाता था वहीं आज के समय में देखेंगे कि यह उम्र घटकर 25 पहुंच गई है। 25 से 35 साल के युवाओं में भी हार्टअटैक होना बहुत ही सामान्य सी बात होती जा रही है।
जिसका मुख्य कारण है - अन्यंत व्यस्त जीवनशैली, अनियमित आहार, जंक फूड, अत्याधिक मसालेदार भोजन, कम उम्र में ही बढ़ता ब्लड प्रेशर, कम उम्र में बढ़ता वजन (मोटापा), अनिंद्रा (देररात तक जागना और सुबह देर तक सोना) , शारिरिक कार्य नहीं /(व्यायाम नहीं करना), धूम्रपान और अत्याधिक मादक पदार्थों का सेवन करना, पारिवारिक एवं व्यापार, व्यवसाय व नौकरी में टार्गेट का तनाव, नौकरी में वर्किंग शिफ्ट का तनाव इसके अलावा प्यार में धोखाखाना या तलाक हो जाना इत्यादि। इसके अलावा बढ़ता कोलेस्ट्राल, बढ़ती शुगर (डायबीट्स), हार्मोनल बदलाव इत्यादि भी हार्टअटैक के प्रमुख कारण हो सकते हैं।

लक्षणः - सोते समय पूरी नींद ना होना, खराटे लेने, आक्सीजन की कमी, पेट के उपरी भाग में जलन व दर्द होना, लेफ्ट हैंड में दर्द होना, बैठे-बैठे पसीना आना या अचानक से सांसों का तेज होना, जल्दी ही किसी बात का तनाव लेना या अत्याधिक गुस्सा करना इत्यादि हार्टअटैक होने के लक्षण है।

बचावः- हरी (सभी काम का जल्दबाजी में करना), वरी (हर बात का टेंशन लेना) और करी ( मसालेदार भोजन) हार्टअटैक का प्रमुख कारण है इसलिए जीवन में व्यक्ति इन तीनों से बचना चाहिए।

सलाहः-  नियमित अंतराल पर लें डॉक्टर की सलाह, नियमित अंतराल पर ब्लड प्रेशर, ब्लडशुगर, कोलोस्ट्राल की जांच कराते रहे। नियमित योग, प्राणायम, ध्यान आदि करें। भरपूर नींद लें। हंसने की आदत डालें। जीवनशैली को नियमित करें। 24 घंटे में से 24 मिनट का व्यायाम और 24 मिनट की वॉकिंग आपको हार्टअटैक से बचा सकता है। गैस, एसीडीटी और दर्द की दवाईयां खुद से लंबे समय तक सेवन नहीं करें। हानिरहित होम्योपैथी चिकित्सा अपनाएं।

डॉ. ए.के. द्विवेदी 
बी.एच.एम.एस., एम.डी. (होम्यो.), एफ.एच.सी.एच., लंदन (यू.के.),
पीएच.डी., एम.बी.ए., एम.ए. (योग)