दूर रहेगी स्किन एलर्जी

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त्वचा की एलर्जी कई तरह से आपको परेशान कर सकती है। लाल रंग के चकते, रैशेज, काले धब्बे, फुंसियां और दाग, ये सब एलर्जी का ही रूप हैं। अगर सही समय पर एलर्जी पर ध्यान न दिया जाए तो यह विकराल रूप धारण कर लेती है और आपके लिए मुसीबत का सबब बन सकती है।
स्किन एलर्जी होने के कई कारण हो सकते हैं। सही खानपान न होने से लेकर प्रदूषण और जीवनशैली तक आपको एलर्जिक बना सकती है। एलर्जी को पहचानने का सबसे आसान तरीका यह है कि अगर आपकी त्वचा का रंग लाल हो रहा है या फिर उसमें खुजली या रैशेज हो रहे हैं तो समझ लीजिए कि आप एलर्जी के शिकार होने की कगार पर पहुंच गए हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि शुरुआत में तो एलर्जी कभी-कभी परेशान करती है, लेकिन अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह सप्ताह में दो-तीन बार और फिर रोज ही होने लगती है।

कैसी-कैसी एलर्जी
कई लोगों को गाय के दूध, मछली या फिर अंडे से एलर्जी हो सकती है। कई बार ऐसा भी होता है कि जिस खाद्य पदार्थ से आपको एलर्जी हो, उससे जुड़े खाद्य पदार्थ समूह से एलर्जी हो गई हो। ऐसे में उनका सेवन करते ही परेशानी शुरू हो जाती है। पानी में मिले कैमिकल्स आपके चेहरे की झुर्रियों का कारण बन सकते हैं। चूंकि ये शरीर द्वारा सीधे सोख लिए जाते हैं, इसलिए इनसे एलर्जी होने का खतरा भी अधिक होता है। पानी में जब क्लोरीन मिला होता है, तब वह अधिक नुकसानदेह हो जाता है। इसलिए कहा जाता है कि जब भी आप स्विमिंग करें तो उसके बाद साफ पानी से जरूर नहा लें।

प्रदूषण से बचें
हवा से भी एलर्जी हो सकती है। पानी के साथ ही प्रदूषण युक्त हवा भी त्वचा को बैक्टीरिया के संपर्क में ले आती है, जिससे एलर्जी होने का खतरा रहता है। टैटू का त्वचा पर बुरा प्रभाव देखा गया है। इस तरह की शिकायतें आजकल आम हैं। युवाओं द्वारा बनवाए जाने वाले अस्थायी टैटू में इस्तेमाल होने वाली खराब स्याही से त्वचा में जलन हो जाती है।

कपड़ों से भी हो सकती है एलर्जी
डर्मेटोलॉजिस्ट के अनुसार, 'कपड़ों से भी एलर्जी हो सकती है। कभी-कभी कपड़ों पर इस्तेमाल होने वाला रंग यानी डाई त्वचा में एलर्जी पैदा कर देती है। वाशिंग मशीन में धुले कपड़ों से अगर साबुन ठीक से न निकला हो तो भी इससे त्वचा में खिंचाव आदि की समस्याएं होती हैं। मौसम में बदलाव भी स्किन एलर्जी का कारण हो सकता है। मौसम बदलने से हवा में पोलिन्स की संख्या बढ़ जाती है, जो त्वचा में एलर्जी का मुख्य कारण होती है।Ó

एलर्जी का असर
एलर्जी से आपको दर्द, खुजली, घाव हो जाना आदि समस्याएं हो सकती हैं। अगर सही समय पर इस पर ध्यान न दिया जाए तो आप त्वचा रोग के भी शिकार बन सकते हैं। इसके अलावा कई बार प्लास्टिक की चीजों जैसे नकली आभूषण, बिंदी, परफ्यूम, चश्मे के फ्रेम, साबुन आदि से भी एलर्जी हो जाती है। इस तरह की एलर्जी को कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस कहा जाता है।

ऐसे दूर करें असर

  • फिटकरी के पानी से प्रभावित स्थान को धोकर साफ करें। जिस स्थान पर एलर्जी हो, वहां कपूर और सरसों का तेल लगाएं।
  • आंवले की गुठली जला कर राख कर लें। उसमें एक चुटकी फिटकरी और नारियल का तेल मिला कर पेस्ट बना लें। इसे लगाते रहें।
  • खट्टी चीजों, मिर्च-मसालों से परहेज रखें। रोज सुबह नींबू का पानी पीएं।
  • चंदन, नींबू का रस बराबर मात्रा में मिला कर पेस्ट बना कर लगाएं।

डॉक्टर कहते हैं

  • ताजे फल, सब्जियों का अधिक सेवन करें।
  • एलर्जी होने पर त्वचा को केवल पानी से धोएं। साबुन या फेसवॉश का प्रयोग न करें।
  • कैलेमाइन लोशन अच्छा है।
  • डॉक्टर की सलाह से एंटी-एलर्जिक दवाएं लें।
  • विटामिन बी, सी से युक्त भोजन लें।

घरेलू उपाय

  • दही में चुटकीभर हल्दी मिला कर लगाएं। सूखने पर धो दें।
  • चंदन पाउडर में नींबू का रस मिलाएं। इसे एलर्जिक त्वचा पर लगाएं। एलर्जिक एरिया को लगातार ठंडे पानी से धोते रहें।
  • जहां एलर्जी हो गई हो वहां पर ऑलिव ऑयल से मसाज करें। 
  • परफ्यूम या खुशबू वाले अन्य उत्पाद लगाने से एलर्जी हो सकती है। इसमें आप रूम स्प्रे, क्लीनर्स, डिटर्जेट को भी शामिल कर सकते हैं।
  • हेयर डाई से भी एलर्जी होने का खतरा रहता है। इसमें पीपीडी होता है, जो एलर्जी कर सकता है।
  • कई बार कपड़ों को रिंकल और सिकुडऩ से बचाने के लिए उन पर जो कैमिकल लगाया जाता है, वह भी स्किन एलर्जी कर सकता है। इस तरह की एलर्जी से पीडित लोगों में से अधिकतर फॉर्मलडिहाइड के प्रयोग के कारण एलर्जिक हो जाते हैं। इसका प्रयोग अंडरगार्मेट्स के इलास्टिक में भी होता है, इसीलिए लोगों को रैशेज आदि की समस्याएं हो जाती हैं। 
  • ऐसी एलर्जी के प्रारंभिक लक्षणों में आंखों में जलन, रैशेज आदि प्रमुख हैं।
  • कॉस्मेटिक भी एलर्जी का कारण हो सकते हैं। आंखों में लालपन से लेकर लाल चकत्ते और दाने तक इनके प्रयोग की वजह से संभव हैं।

नवजातों को भी होती है स्किन एलर्जी
ऐसा नहीं है कि स्किन एलर्जी से केवल वयस्क या बुजुर्ग ही पीडित होते हों। अक्सर देखा जाता है कि नवजातों को भी ऐसी समस्याएं होती हैं। डाइपर्स के कारण होने वाले लाल रैशेज स्किन एलर्जी की ओर ही इशारा करते हैं। इसके अलावा जन्म के कुछ समय बाद लाल रंग के दाने उभर आना भी एलर्जी का ही रूप है, जो कुछ दिन बाद स्वयं ही ठीक हो जाते हैं।