कैल्शियम की अधिक मात्रा भी स्वास्थ्य को नहीं सुहाती

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कैल्शियम को हड्डियों के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है, लेकिन शोधकर्ताओं ने यह भी सिद्ध कर दिया है कि कैल्शियम की अत्यधिक मात्रा का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है । कैल्शियम के सप्लिमेंट्स का अधिक मात्रा में सेवन करने के कारण कैल्शियम अल्कली या मिल्क अल्कली नामक समस्या हो सकती है।
इन दिनों लोग छरहरा दिखने के लिए खाना छोड़ कर गोलियों का सहारा ले रहे हैं, जो खतरनाक है। ऐसा करके हम प्राकृतिक टाइम टेबल के विपरीत काम कर रहे हैं। आहार की पूर्ति गोलियों से कर लेना बहुत ही आसान है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी कुछ कम नहीं हैं । फल, सब्जी या भोजन के जरिये शरीर में विटामिन की क्षतिपूर्ति करना तो अच्छी बात है, लेकिन इसके लिए गोली का सहारा लेना आपको रोगी बना सकता है। हालिया अध्ययन से पता चला है कि शरीर में विटामिन का स्तर पर्याप्त बनाए रखने के लिए ज्यादा गोलियां खाना प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ा देता है।

कैल्शियम की गोलियों के कुछ दुष्प्रभाव

  • कैल्शियम की गोलियों के अतिरिक्त सेवन से रक्त में कैल्शियम की मात्रा बढ़ सकती है और यहां तक कि किडनी भी खराब हो सकती है ।
  • जिनके परिवार में प्रोस्टेट कैंसर से ग्रस्त रोगी होने का पुराना इतिहास रहा है, उन्हें मल्टीविटामिन का सेवन करने से कैंसर के होने का खतरा रहता है ।
  • मिल्क एल्कली सिन्ड्रोम के कारण हाइपरग्लाइसीमिया हो सकता है और अगर समय रहते इसकी चिकित्सा नहीं की गयी तो रीनल फेल्योर भी हो सकता है।

स्वास्थ्य के लिए कुछ सावधानियां

  • अगर आप कैल्शियम की गोलियां ले रहे हैं, तो रक्त में कैल्शियम की मात्रा की जांच करा लें ।
  • आस्टीयोपोरोसिस के मरीज़ों के लिए कैल्शियम की गोलियों लेना आवश्यक होता है, लेकिन उन्हें भी कैल्शियम की मात्रा ध्यान में रखनी चाहिए ।
  • चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही विटामिन की गोलियां लें।

कैल्शियम से संबंधित भ्रम और तथ्य

कैल्शियम से सम्बन्धी चुनौती सदियों से चली आ रही है और यह स्थिति आज भी वैसी ही है। कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि कैल्शियम के पूरक लेने से हड्डियां मजबूत और स्वस्थ होती हैं और आस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी के दूर रहने के साथ साथ हड्डियों के टूटने का भी खतरा कम होता है, लेकिन कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि कैल्शियम के रूपक लेने से इनके अतिरिक्त प्रभाव होते हैं। इसलिए कैल्शियम से सम्बन्धी भ्रम का समाधान निकालने के लिए यहां कई प्रकार के भ्रम का समाधान निकाला जा रहा है।
प्रतिदिन मुझे किस मात्रा में कैल्शियम लेना चाहिए?
विशेषज्ञों के अनुसार एक वयस्क व्यक्ति (जिसकी उम्र 19 से 50 वर्ष हो) उसे दिनभर में लगभग 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम लेना चाहिए और 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम की मात्रा लेनी चाहिए।
यह मात्रा किसी भी प्रकार के कैल्शियम सा्रेत की हो सकती है जैसे डेयरी उत्पाद ,खाद्य पेय आदि लेकिन कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि दिन में लगभग 600 मीलिग्राम से 1000 मिली ग्राम ही बहुत है।
अगर मैं कैल्शियम के पूरक पर नहीं निर्भर होना चाहता तो मुझे किस मात्रा में कैल्शियम लेना चाहिए?
एक स्वस्थ आहार का अर्थ है दिन में 200 से 300 मिलीग्राम कैल्शियम लेना। इसमें फल और सब्जिय़ां होनी चाहिए जैसे बीज ,अनाज और हरी पत्तेदार सब्जिय़ां, लेकिन 1 कप दूध से शरीर में 300 मिलीग्राम कैल्शियम की मात्रा जुड़ जाती है और दही से 150 से 200 मिलाग्राम कैल्शियम।
सभी दूध के उत्पादों को अपने आहार में शामिल कर और कुछ मात्रा में फल और सब्जिय़ां लेने से शरीर में 600 से 800 मिलीग्राम कैल्शियम की आपूर्ति होती है।
अगर मैं कैल्शियम के पूरक लेना चाहूं तो इन्हें किस तरह से लेना चाहिए।
स्वास्थ्य चिकित्सकों का ऐसा मानना है कि कैल्शियम के पूरक कैल्शियम साइट्रेट या कैल्शियम कार्बोनेट से बने होते हैं।
कैल्शियम के पूरक जिनमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम कार्बोनेट होती है उन्हें खाने के बाद लेना चाहिए क्योंकि उन्हें पेट में मौजूद एसिड को अवशोषित करने की ज़रूरत होती है ा कैल्शियम साइट्रेट पेट में मौजूद एसिड पर निर्भर नहीं होता और इसलिए इसे दिन में किसी भी समय लिया जा सकता है ा
क्या कैल्शियम लेकर फ्रैक्चर से बचा जा सकता है ?
विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि बहुत अधिक मात्रा में कैल्शियम लेने का अर्थ यह नहीं है कि हमारे रक्त में अधिक मात्रा में कैल्शियम होगा ा अगर रक्त में कैल्शियम अधिक मात्रा में नहीं है हड्डियों के रिज़र्पशन से वो सामान्य स्थिति में आ जाती है और ऐसे में हड्डियां और कमज़ोर हो जाती हैं जिससे कि फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है