विटामिन बी12 की कमी आपको बना सकती है एनीमिया का शिकार... जानें उसके कारण, लक्षण व इलाज

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विटामिन बी12 की कमी आपको बना सकती है एनीमिया का शिकार... जानें उसके कारण, लक्षण व इलाज

विटामिन हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना जरूरी है इस बारे में हम स्कूल के दिनों से ही जान चुके हैं और यह भी कि हर विटामिन का हमारे शरीर में अलग काम है। लेकिन फिर भी कुछ विटामिन खास होते हैं जिनकी कमी से हमें कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, उदहारण के लिए विटामिन ए जिसकी कमी से एनीमिया और आँखों से जुड़ी समस्याएँ हो सकती है। इसी कड़ी में विटामिन बी12 भी एक ऐसा ही खास विटामिन है जिसकी कमी की वजह से कई शारीरिक समस्याएँ होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। विटामिन बी12 महत्वपूर्ण है लेकिन इस विषय में लोगों को काफी कम जानकारी है। वयस्कों में अधिकांशतः इसकी कमी पाई जाती है। गर्भावस्था, स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी विटामिन बी12 की कमी हो सकती है। क्या आपको मालूम है कि विटामिन बी 12 की कमी का इलाज न करने पर शारीरिक, न्यूरोलॉजिकल और मनोवैज्ञानिक समस्याएं हो सकती हैं। और तो और इसकी कमी से आपको कमजोरी, थकान, हल्कापन, दिल की धड़कन बढ़ना, सांस की तकलीफ, पीली त्वचा, जीभ का लाल होना, कब्ज, दस्त, भूख न लगना, गैस बनना, तंत्रिका संबंधी समस्याएं जैसे सुन्नता या झुनझुनी, मांसपेशियों में कमजोरी, चलने में समस्या और आंखों का कमजोर होना जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। तो आइये जानते हैं विटामिन बी12 और इसकी कमी के बारे में विस्तार से...

क्या है विटामिन 12

वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक एवं सदस्य साइन्टिफिक एडवाइजरी बोर्ड, सी सी आर एच, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, डॉ. एके द्विवेदी के अनुसार विटामिन बी12 एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो आपके शरीर को आपकी तंत्रिका कोशिकाओं और रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह आपके शरीर को आपकी सभी कोशिकाओं में अनुवांशिक सामग्री डीएनए बनाने में भी मदद करता है। आपका शरीर अपने आप विटामिन बी 12 नहीं बनाता है, इसलिए आपको इसे प्राप्त करने के लिए विटामिन बी 12 वाले खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का सेवन करना होगा। विटामिन बी12 आपके द्वारा खाए जाने वाले पशु उत्पादों जैसे मांस, डेयरी और अंडे में पाया जाता है। यह फोर्टीफाइड फूड्स में भी पाया जा सकता है (ये ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं जिनमें कुछ विटामिन और पोषक तत्व शामिल होते हैं) जैसे कि कुछ अनाज, ब्रेड और पोषण खमीर। बात करें इसकी मात्रा कि तो वयस्कों को प्रतिदिन लगभग 2.4 माइक्रोग्राम (एमसीजी) विटामिन बी12 की आवश्यकता होती है, और जो महिला गर्भवती हैं या स्तनपान करी रही हैं उन्हें अधिक की आवश्यकता होती है। उम्र के आधार पर बच्चों और बच्चों को विटामिन बी12 की मात्रा अलग-अलग होती है।

विटामिन B12 की कमी के लक्षण

कैंसर अप्लास्टिक एनीमिया जैसी कई जानलेवा
बीमारियों के उपचार में होम्योपैथी कारगर: डॉ. ए.के. द्विवेदी

  • त्वचा का पीला पड़ जाना
  • जीभ में दाने या फिर लाल हो जाना
  • मुंह में छाले की समस्या
  • आंखो की रोशनी कम होना
  • डिप्रेशन, कमजोरी और सुस्ती
  • सांस फूल जाना
  • सिरदर्द और कान बजना
  • भूख कम लगना
  • नज़रों की समस्या।
  • चीजों को याद रखने में कठिनाई होना या आसानी से भ्रमित होना।
  • चलने या बोलने में आपको आम तौर पर कठिनाई होती है।
  • यदि विटामिन बी 12 की कमी से तंत्रिका संबंधी समस्याएं विकसित होती हैं, तो वे प्रतिवर्ती नहीं हो सकती हैं।
  • उदास महसूस करना।
  • चिड़चिड़ापन महसूस होना।         
  • सामान्य से ज्यादा थकान महसूस करना जो कि आराम करने के बाद भी दूर न होना।
  • आपके महसूस करने में बदलाव होना।
  • आपके तरीके और व्यवहार में बदलाव होने लगना।

विटामिन बी12 की कमी से हो सकता है एनीमिया

विटामिन बी12 की कमी के कारण एनीमिया की समस्या हो सकती है। विटामिन बी12 की कमी से एनीमिया तब होता है जब आपके शरीर में पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं क्योंकि आपके शरीर में विटामिन बी 12 की कमी होती है। लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने के लिए विटामिन बी12 की जरूरत होती है। इस वजह से विटामिन बी12 की कमी से एनीमिया हो सकता है। एनीमिया के बिना लोगों में विटामिन बी12 की कमी हो सकती है। वहीं किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में विटामिन बी12 की कमी हो सकती है। 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में अन्य आयु समूहों की तुलना में विटामिन बी12 की कमी होने की संभावना अधिक होती है।

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विटामिन 12 की कमी कैसे पूरी करें

कुछ हेल्दी फूड्स का सेवन कर हम शरीर में विटामिन बी12 की कमी को किया जा सकता है। इन हेल्डी फूड्स में शामील कुछ है अंडा, सोयाबीन, दूध, दही, बादाम का दूध, चीज़,ओट्स आदि का सेवन बढ़ा देना चाहिए।  

नोट - उपरोक्त लेख सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।