थायरॉइड: जानिए इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

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थायरॉइड: जानिए इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

ज के समय में हम सभी स्वस्थ रहना चाहते हैं। लेकिन व्यस्त जीवनशैली, अव्यवस्थित खानपान, शारीरिक श्रम का अभाव जैसे विभिन्न कारणों से हम बीमार पड़ते रहते हैं। कोई न कोई रोग हमारे जीवन को प्रभावित कर ही देता है और हम परेशान होते रहते हैं। इसके अलावा कुछ रोग ऐसे होते हैं जो हमारे शरीर की ग्रंथियों से जुड़े होते हैं। इन्हीं में से एक है थायरॉइड रोग, जो कि हमारी थायरॉइड ग्रंथि से जुड़ा होता है। इसी से जुड़े रोग को थायरॉइड रोग कहा जाता है।

थायरॉइड क्या है?

थायरॉइड गले में पाई जाने वाली तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है। ये सांस की नली के ऊपर होती है। यह मानव शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अतस्रावी ग्रंथियों में से एक होती है। इसी थायरॉइड ग्रंथि में गड़बड़ी आने से ही थायरॉइड से संबंधित रोग होते हैं।

थायरॉइड हार्मोन का क्या काम है?

थायरॉइड हार्मोन के कार्य निम्नलिखित हैं

  • यह हमारे शरीर में थायरोक्सिन हार्मोन वसा,
  • प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के चयापचय को नियंत्रित रखता है।
  • यह रक्त में चीनी, कोलेस्ट्रॉल और फोस्फोलिपिड की मात्रा को कम करता है।
  • यह हड्डियों, पेशियों, लैंगिक और मानसिक वृद्धि को नियंत्रित करता है।
  • हृदयगति और रक्तचाप को नियंत्रित रखता है।
  • महिलाओं में दुग्धस्राव को बढ़ाता है।

 

थायरॉइड रोग के प्रकार

थायरॉइड ग्रंथि से जुड़े विकार दो प्रकार के होते हैं।

  • थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता
  • थायरॉइड ग्रंथि की अल्पसक्रियता

 

थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता: जब थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता हो जाती है तो T3 And T4 हार्मोन का आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने लगता है। जब इन हार्मोन्स का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगता है तो फलस्वरूप शरीर भी ऊर्जा का उपयोग अधिक मात्रा में करने लगता है। इसे ही हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है। यह समस्या पुरुषों की तुलना महिलाओं में यह अधिक देखी जाती है। थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता के कारण शरीर में मेटाबोलिज्म बढ़ जाता है। जिसके निम्नलिखित लक्षण देखने को मिलते हैं।

  • घबराहट
  • अनिद्रा
  • चिड़चिड़ापन
  • हाथों का काँपना
  • अधिक पसीना आना
  • दिल की धडक़न बढ़ना
  • बालों का पतला होना एवं झड़ना
  • मांसपेशियों में कमजोरी एवं दर्द रहना
  • अत्यधिक भूख लगना
  • वजन का घटना
  • महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता
  • ओस्टियोपोरोसिस से हड्डी में कैल्शियम तेजी से खत्म होना आदि।

थायरॉइड ग्रंथि की अल्पसक्रियता: थायराइड की अल्प सक्रियता के कारण हाइपोथायरायडिज्म हो जाता है। जिसके लक्षण निम्नलिखित है।

  • धडक़न धीमी होना।
  • हमेशा थकावट का अनुभव
  • अवसाद या डिप्रेशन
  • सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील
  • वजन का बढ़ना
  • नाखूनों का पतला होकर टूटना
  • पसीना नहीं आना या कम आना
  • त्वचा में सूखापन और खुजली होना
  • जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में अकड़न
  • बालों का अधिक झड़ना
  • कब्ज रहना
  • आँखों में सूजन
  • बार-बार भूलना
  • सोचने-समझने में असमर्थ
  • मासिक धर्म में अनियमितता
  • कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढऩा आदि।

 

थायरॉइड रोग क्यों होता है?

  • थायरॉइड रोग होने के निम्नलिखित कारण है।
  • अव्यवस्थित लाइफस्टाइल
  • खाने में आयोडीन कम या अधिकता
  • ज्यादा चिंता करना
  • वंशानुगत
  • गलत खानपान और देर रात तक जागना
  • डिप्रेशन की दवाईयों लेना
  • डायबिटीज
  • भोजन में सोया उत्पादों का अधिक इस्तेमाल
  • उपरोक्त के अलावा थायरॉइड इन कारणों से भी हो सकता है।
  • हाशिमोटो रोग
  • थायरॉइड ग्रंथि में सूजन
  • ग्रेव्स रोग
  • गण्डमाला रोग
  • विटामिन बी 12 की कमी

थायरॉइड से बचाव के उपाय

आप निम्नलिखित उपायों को अपनाकर थायरॉइड से बच सकते हैं।

  • रोजाना योग करना
  • वर्कआउट या शारीरिक श्रम
  • सेब का सेवन
  • रात में हल्दी का दूध पीना
  • धूप में बैठना
  • नारियल तेल से बना खाना खाना
  • पर्याप्त मात्रा में नींद लेना
  • ज्यादा फलों एवं सब्जियों को भोजन में शामिल करें
  • हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन
  • पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें

थायरॉइड में क्या नहीं खाना चाहिए?

  • धूम्रपान, एल्कोहल का सेवन नहीं करना
  • चीनी, चावल, ऑयली फूड का सेवन नहीं करे
  • मसालेदार खाने से बचे
  • मैदे से बनी चीजें नहीं खाएं
  • चाय और कॉफी का सेवन नहीं करे

थायरॉइड का इलाज क्या है?

थायरॉइड से स्बन्धित बीमारी मुख्य रूप से अस्वस्थ खान-पान और तनावपूर्ण जीवन से होती होती है। ऐसे में सबसे पहले अपने खान-पान का ध्यान रखें और तनाव लेने से बचें। साथ ही थायरॉइड के इलाज के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।