महिलाओं की हेल्थ का सबसे अच्छा दोस्त है कैल्शियम इसलिए इसका ध्यान रखे

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महिलाओं की हेल्थ का सबसे अच्छा दोस्त है कैल्शियम इसलिए इसका ध्यान रखे

ड्डियों या दांतों में मजबूती हो, या ब्लड सेल्स का निर्माण, कैल्शियम हमारी बॉडी के लिए बहुत जरूरी मिनरल में से एक है। ये हर उम्र के इंसान के लिए, फिर चाहे वह बच्चा हो, बूढ़ा या फिर जवान सब के लिए जरूरी है। खासतौर पर महिलाओं के लिए तो कैल्शियम बहुत जरूरी है क्योंकि महिलाओं में कैल्शियम की सबसे अधिक कमी होती है। महिलाओं की बॉडी में पीरियड्स, डिलीवरी के समय और ब्रेस्टफीडिंग के बाद कैल्शियम कम होने लगता है।

          जी हां मॉडर्न लाइफस्टाइल के चलते हमारी खाने-पीने की आदत काफी बदल गई है। हम पौष्टिक चीजें खाने की बजाय टेस्ट को अधिक प्राथमिकता देने लगे हैं, जैसे- जंक फूड्स, तली भुनी चीजें, कोल्ड ड्रिंक्स, चॉकलेट, चिप्स, आइस्क्रीम आदि। खानपान में गड़बड़ी के चलते बॉडी में कैल्शियम की कमी एक आम समस्या हो गई है, जिसका इतनी जल्दी तो पता नहीं चलता लेकिन भविष्य में यह आपकी हेल्थ को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। बॉडी के हेल्दी और और बैलेंस ग्रोथ के लिए हर उम्र में कैल्शियम की आवश्यकता होती है। बढते बच्चों की बॉडी, दांतों के आकार और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए भी कैल्शियम जरूरी है। इसके अलावा आप डॉक्टरी सलाह पर होम्योपैथी दवा भी अपना सकते हैं जिसके कोई साइड इफ्कैट नहीं होते। होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी के अनुसार होम्योपैथी दवाईयां काफी सुरक्षित है। इनका शरीर पर किसी भी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। हालांकि होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग करने से पूर्व होम्योपैथिक चिकित्सक से सलाह भी ली जा सकती है। तो आइए जानें हमारी बॉडी के लिए कैल्शियम क्यों जरूरी हैं।

हड्डियों का विकास

कैल्शियम ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में हेल्प करता है। मजबूत हड्डियों के विकास के लिए विशेष रूप से बच्चों और युवा वयस्कों के लिए कैल्शियम सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। कैल्शियम अवशोषण और हड्डियों का विकास 20 साल की उम्र तक अपने चरम पर होता है, और उसके बाद धीरे-धीरे घटता है। कैल्शियम और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा बढ़ते बच्चों और युवा वयस्कों में बोन मास में वृद्धि करने में हेल्प मिलती है।

किडनी स्टोन

कुछ लोगों का मानना है कि कैल्शियम से किडनी स्टोन हो जाता है, लेकिन यह बात मिथ है। शोध से साबित हुआ है कि कैल्शियम का सेवन बॉडी की लाइनिंग को नुकसान पहुंचाने वाले अत्यधिक दर्दनाक किडनी स्टोन से बचाता है।

ब्लड प्रेशर कंट्रोल

कैल्शियम के नेचुरल स्रोत और सप्लीमेंट को रेगुलर लेने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल और कम किया जा सकता है। यानि कैल्शियम ब्लड प्रेशर को ठीक करने में भी उपयोगी होता है।

पीएमएस

पीएमएस से संबंधित शोधों से पता चलता है कि कैल्शियम और विटामिन डी के कम लेवल के कारण कैल्शियम एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन को नेगेटिव रूप से प्रभावित कर पीएमएस को ट्रिगर करता है। इसलिए डॉक्टर पीएमएस की स्थिति में 1000 मिलीग्राम कैल्शियम और 1000 से 2000 विटामिन डी दैनिक रूप से लेने की सलाह देते हैं।

क्रोनिक बीमारी

कैल्शियम पुरानी बीमारियों के खिलाफ लडऩे में एक बहुत ही गंभीर भूमिका निभाता है। कैल्शियम का सेवन करने से क्रोनिक बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।

पीएच लेवल का बैलेंस

प्रोसेस शुगर, सोडा, और जंक फूड पीएच पैमाने पर बॉडी को बहुत एसिडिक बनाता है। यह किडनी स्टोन और हाइपरटेंशन का कारण बन सकते हैं। कैल्शियम इस समस्या को रोक सकता है और शरीर को कम एसिडिक बनाता है।

कार्डियोवैस्कुलर डिजीज

पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम का सेवन कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों और हाई ब्लडप्रेशर के जोखिम को कम कर सकता है। दिल और ब्लड वेसल्स हमारे नर्वस सिस्टम से जुड़े हुए हैं। कैल्शियम की कमी से दिल की समस्याएं और हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है।

हेल्दी स्माइल

कैल्शियम हेल्दी जबड़े की हड्डियों के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है और दांतों को जगह पर रखता है। हालांकि, कैल्शियम को हड्डी को मजबूत करने के अधिकतम लाभ के लिए फॉस्फोरस की आवश्यकता होती है। बच्चों के दांतों को विकास में कठोर संरचना बनाने के लिए उचित कैल्शियम और फास्फोरस की आवश्यकता होती है। कैल्शियम एक स्वस्थ जबड़े की हड्डी देता है और किसी दांत टूटने के खिलाफ सुरक्षा करता है। बैक्टीरिया और टारटर अच्छी ओरल हेल्थ परिस्थितियों में आसानी से नहीं बढ़ते हैं।

वेट लॉस

कैल्शियम मेटाबॉलिज्म की स्पीड बढ़ाने में मदद करता है। कैल्शियम वजन बढ़ाने से रोकता है क्योंकि यह फैट जलता है और कम मात्रा में फैट को गलाता है।

कैल्शियम लेने के लिए कुछ जरूरी टिप्स

  • कैल्शियम के सप्लीमेंट से बचें क्योंकि इससे आपके हेल्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
  • कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
  • कैल्शियम की कमी से ऐंठन, जोड़ों में दर्द, दिल की धडक़न का बढऩा, कोलेस्ट्रॉल के लेवल में वृद्धि, अनिद्रा, खराब विकास,
  • अत्यधिक चिड़चिड़ाहट, भंगुर नाखून, एक्जिमा, सूजन या झुकाव हो सकता है।
  • गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में कैल्शियम की अच्छी मात्रा शामिल करनी चाहिए।
  • कैल्शियम प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त किया जाना चाहिए।

कैल्शियम के स्रोत

कैल्शियम के प्रमुख स्रोत में दूध, पनीर, दही और अंडे शामिल है। इसके अतिरिक्त फल और सब्जियों में विशेष मात्रा में कैल्शियम पाए जाते हैं। फलों में कैल्शियम जैसे; अमरूद, सीताफल, अनार, अंगूर, केला, खरबूजा, जामुन, आम, संतरा, अनानास, पपीता, लीची, सेब और शहतूत में कैल्शियम पाए जाते हैं। जबकि सब्जियों में कैल्शियम जैसे; चुकंदर, नींबू, पालक, बथुआ, बैगन, टिंडा, तुरई, लहसुन, गाजर, भिंडी, टमाटर, पुदीना, हरा धनिया, करेला ककड़ी, अरबी, मूली और पत्तागोभी में कैल्शियम पाए जाते हैं। यही नहीं, बादाम, पिस्ता, मुनक्का, खजूर जैसे सूखे मेवे और मूग, मोठ, चना, राजमा, सोयाबीन जैसे आनाज में भी कैल्शियम भरपूर मात्रा में लें। तो आज से अपनी बॉडी में कैल्शियम की कमी ना होने दें।