रक्त संचार और एकाग्रता को बढ़ाता है सुखासन

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रक्त संचार और एकाग्रता को बढ़ाता है सुखासन
लोगों में आजकल जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं जैसे मोटापा, डायबिटीज, दिल की बीमारियां आदि। इसका मुख्य कारण अनियमित जीवनशैली और अस्वस्थ खान-पान है। योग के द्वारा इन बीमारियों से आसानी से बचाव किया जा सकता है। अगर आप योग का नियमित अभ्यास करते हैं, तो इससे आपका शरीर लचीला होता है और शरीर में रक्त संचार ठीक रहता है। आमतौर पर रक्त संचार की अनियमितता और शरीर में जमा फैट ही जीवनशैली से जुड़ी सभी बीमारियों के मूल में हैं। इसलिए हम आपको बता रहे हैं एक ऐसा योगासन जिससे आपके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहेगा और एकाग्रता भी बढ़ेगी।

जैसा की नाम से इंगित हो रहा है कि बैठ कर किये जाने वाले योग में सुखासन सबसे आसान योग है। सुखासन का शाब्दिक अर्थ ही है सुख देने वाला आसन यानि इस आसन को करने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से आपको सुख और शांति का अनुभव होता है। सुखासन को आराम से बैठकर किया जाता है इसलिए इसे बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी कर सकते हैं। आइये आपको बताते हैं कि किस तरह आप इस आसान योगासन को रोजाना अपने घर पर ही कर सकते हैं।

कैसे करें सुखासन

  • सुखासन करने के लिए सबसे पहले एक शांत और ताजी हवा वाली जगह जैसे पार्क या छत आदि को चुनें।
  • जमीन को साफ करके इस पर चटाई या दरी बिछा लें। अब आप जमीन पर पैर मोड़ कर आराम से बैठ जाइए।
  • दोनों हाथों की हथेलियों को खोल कर एक-के ऊपर एक रख दीजिए।
  • इस आसन को करते समय अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा कर के बैठें। इस बात पर ध्यान दें कि आप अधिक झुके हुए न हों।
  • अपने कंधों को ढीला छोड़ते हुए अपनी सांस को पहले अंदर की ओर लें फिर बाहर की ओर छोड़ें।
  • अपनी हथेलियों को एक के ऊपर एक करके अपनी पालथी के ऊपर रखें।
  • अपने सिर को ऊपर उठाते हुए अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें।
  • अपना पूरा ध्यान अपनी श्वास क्रिया पर लगाते हुए सांस लंबी और गहरी लें।
  • अगर आप इसे पहली बार कर रहे हो, तो आपको कठनाई महसूस हो सकती है। आप किसी दीवार का सहारा लेकर इसको कर सकते हो।
  • सुखासन से पैरों का रक्त संचार कम हो जाता है और अतिरिक्त रक्त अन्य अंगों की ओर संचारित होने लगता है जिससे उनमें क्रियाशीलता बढ़ती है।

सुखासन करने से क्या होते हैं फायदे

  • सुखासन से मानसिक सुख और शांति का अनुभव होता है।
  • सुखासन चिंता, अवसाद और क्रोध को दूर करता है।
  • ये आसन मन की चंचलता को कम करता है और चित्त को शांत करता है।
  • सुखासन से रीढ़ की हड्डियों में होने वाले रोगों से राहत मिलती है।
  • ये आसन पूरे शरीर में रक्त संचार बढ़ा देता है सिवाय पैर के।
  • सुखासन से स्मृति अच्छी होती है और एकाग्रता बढ़ती है।
  • सुखासन से मानसिक रोगों का खतरा भी बहुत कम हो जाता है।

सुखासन में सावधानियां

अगर आपको घुटनों में दर्द की समस्या है, तो आपको इस आसन को नहीं करना चाहिए या किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही करना चाहिए वर्ना घुटनों में सूजन की समस्या हो सकती है और दर्द बढ़ सकता है। इसके अलावा ध्यान दें कि अगर आपको रीढ़ में किसी तरह की पुरानी चोट है तो इस आसन में ज्यादा देर न बैठें और किसी दीवार का सहारा लेकर भी इस योगासन को कर सकते हैं।