नाक के रोग क्या हैं? कब और क्यों हो सकते हैं ये आपे लिए खतरनाक?

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नाक के रोग क्या हैं? कब और क्यों हो सकते हैं ये आपे लिए खतरनाक?

नाक के रोग अक्सर तकलीफदेह होते हैं। नाक हमारे शरीर का एक अहम अंग है, जिसके माध्यम से हम ऑक्सीजन लेते हैं और कार्बनडाइऑक्साइड छोड़ते हैं। नाक के रोग कई प्रकार के होते हैं। इनमें से कुछ जल्दी ठीक हो जाते हैं तो कुछ को ठीक होने में वक्त लगता है। नाक के रोग की विस्तृत जानकारी आपको उनसे बचाव करने में मदद करती है। यह हवा को फिल्टर करके, उसमें से धूल-मिट्टी और जलन पैदा करने वाले कणों को निकाल देती है। यह हवा को गर्म और नमी भरा बनाए रखती है, जिससे आपके फेफड़े और ट्यूब्स सूखते नही हैं।

नाक के रोग कैसे होते हैं खतरनाक?

आपकी नाक में नर्व कोशिकाएं भी होती हैं, जो आपको खुशबू को पहचानने में मदद करती हैं। नाक में किसी भी प्रकार की समस्या या नाक के रोग होने पर इसका खामियाजा पूरी बॉडी को भुगतना पड़ता है। सामान्य सर्दी जुकाम में नाक जाम हो जाती है और आपको सांस लेने, सोने या सहज महसूस करने में समस्या होती है। आज हम इस आर्टिकल में नाक के रोग के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे। यह जानकारी आपको नाक के रोग से निपटने में मदद करेगी।

नाक के रोगों में मुख्य है जुकाम

नाक के रोग में सामान्य जुकाम एक बड़ी समस्या है। हर व्यक्ति को इससे गुजरना पड़ता है। नाक के रोग में जुकाम नाक और गले के संक्रमण की वजह से होता है। हालांकि, इसके पीछे कई अलग-अलग तरह के वायरस ज्मिेदार होते हैं। जुकाम होने पर व्यक्ति असहज महसूस कर सकता है। लेकिन, इससे तत्कालिक रूप से कोई अन्य शारीरिक परेशानी नहीं हो सकती है। नाक के रोग में सामान्य जुकाम एक सामान्य स्थिति है। यह छह साल से छोटे बच्चों में जुकाम होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। लेकिन, स्वस्थ वयस्कों को भी जुकाम की समस्या हो सकता है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि यदि आपको नाक के रोग में जुकाम एक साल में 2 से 3 बार होता है तो यह चिंता की बात नहीं है। जुकाम की समस्या ज्यादा होने पर इसके कारणों की पहचान करके इसका इलाज किया जा सकता है।

नाक के रोग में जुकाम के लक्षण

  • बार-बार छींक आना
  • शरीर में हल्का दर्द या सिर दर्द होना
  • शरीर का तापमान हल्का बढऩा
  • अच्छा महसूस नहीं करना
  • नाक से पानी आना या नाक बंद होना
  • गले में खराश होना
  • कफ आना

इसमें कोई दो राय नहीं है कि सामान्य जुकाम के दौरान नाक बहना एक सामान्य बात है। ऐसे में ध्यान रखना जरूरी है कि कहीं इंफे€क्शन की वजह से तो ऐसा नहीं हो रहा है या कोई अन्य कारण है। उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी जुकाम के लक्षण हो सकते हैं।

जुकाम के कारण

कई अलग-अलग तरह के वायरस के कारण जुकाम की समस्या हो सकती हैं। हालांकि, अधिकतर मामलों में जुकाम रायनोवायरस के कारण होता है। सामान्य जुकाम इंफेक्शन से होता है और यह किसी अन्य व्यक्ति को आसानी से हो सकता है। वायरस आंख, मुंह और नाक से शरीर में प्रवेश कर सकता है। यह वायरस हवा में मौजूद होते हैं और बड़े ही आसानी से खांसने, छींकने या बातचीत करने के दौरान फैल जाते हैं। जुकाम से पीडि़त व्यक्ति के हाथ मिलाने से भी इंफेक्शन का खतरा बना रहता है। ऐसे में जब स्वस्थ व्यक्ति के जुकाम पीडि़त से हाथ मिलाने के दौरान स्वस्थ व्यक्ति में फैल जाता है (जब वह उन्हीं हाथों से आंख या नाक को छूते हैं या हाथों को बिना धोए खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं)। इसके अतिरिक्त, ठंड लगने या लंबे समय तक ठंडे मौसम में रहने के कारण जुकाम होता है। आमतौर पर इसकी समस्या सर्दी या बरसात के मौसम में सबसे अधिक होती है, जिसकी वजह से जुकाम को सर्दी भी कहा जाता है।

नाक के रोग में साइनोसाइटिस

साइनोसाइटिस एक संक्रमण है, जिसमें साइनस ब्लॉकेज के कारण एक या एक से ज्यादा साइनस में सूजन आ जाती है। साइनोसाइटिस लगभग चार हफ्तों तक रह सकता है, जिसे तीव्र साइनोसाइटिस कहा जाता है। वहीं, लगभग तीन महीने तक रहने वाले संक्रमण को क्रोनिक साइनोसाइटिस कहा जाता है। नाक के रोग में यह बीमारी आम है, जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है। इसके कारणों को नियंत्रित करके इससे निपटा जा सकता है।

साइनोसाइटिस के लक्षण

  • सिर दर्द
  • माथे या चेहरे में दर्द होना
  • नाक का बहना
  • गले में खराश
  • खांसी आना, विशेष रूप से रात के वक्त
  • अधिक खांसी का आना
  • बुखार रहना


क्रोनिक साइनोसाइटिस

नाक और सिर के बीच में साइनस होता है। तीन महीने या इससे अधिक समय तक सूजन रहने पर क्रोनिक साइनोसाइटिस की समस्या रहती है। यह समस्या इस सूजन का इलाज न करने की स्थिति में पैदा होती है। नाक के रोग में यह एक सामान्य समस्या है। नाक के रोग में क्रोनिक साइनोसाइटिस सामान्य तरीके से बलगम के बाहर आने के तरीके में हस्तक्षेप करती है और इससे नाक और ज्यादा स्टफी हो जाती है। इस नाक के रोग में सांस लेना मुश्किल हो जाता है। क्रोनिक साइनोसाइटिस में आंख के आसपास के हिस्से में सूजन या कसाव आ जाता है। नाक के रोग में क्रोनिक साइनोसाइटिस का कारण संक्रमण हो सकता है, जो साइनस (नेजल पोलयाप्स में पनपता है। साथ ही इसकी वजह से साइनस के अस्तर में सूजन आ जाती है। इसे क्रोनिक रिनोसाइनोसाइटिस भी कहा जाता है। यह समस्या बच्चों और व्यस्कों दोनों को प्रभावित करती है।

क्रोनिक साइनोसाइटिस के लक्षण

  • नाक में सूजन
  • नाक से मोटा और रंगहीन डिस्चार्ज होना
  • नाक बहने के बाद गले में वापस म्यूकस जाना
  • नाक जाम होना या कंजेशन, नाक में दर्द के
  • साथ सांस लेने में समस्या
  • आंखों, गालों, नाक या माथे के आसपास
  • सूजन
  • स्वाद को सूंघने की क्षमता में कमी आना