अगर शिशु में दिखे ये लक्षण, तो हो सकती है गंभीर बीमारी

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अगर शिशु में दिखे ये लक्षण, तो हो सकती है गंभीर बीमारी

वजात जब दुनिया में आता है तो सबसे  ज्यादा खुशी उसके मां-बाप को होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं जब नवजात को स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा सबसे अधिक होता है। कई बार नवजात में स्वास्थ्य समस्याएं गर्भ से ही होती है, बाकी उनके पैदा होने की प्रक्रिया पर भी निर्भर करता है। शुरूआत में नवजात को मशीनों में रखा गया है या फिर वह ऑपरेशन से हुआ है, इत्यादि बातें भी उसके स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। नवजात में श्वास संबंधी समस्याएं भी कम नहीं होती। इसके कई कारण हो सकते हैं। आइए जानें नवजात में श्वास संबंधी समस्याओं के लक्षण कैसे होते हैं।

नवजात में श्वास संबंधी समस्याओं के लक्षण

सांस लेने के दौरान आवाज आना

यदि आपका नवजात शिशु सांस लेने के दौरान आवाजें करता है तो आपको उस ध्वनि को नोटिस करना चाहिए, इसी से आप बच्चे की श्वसन नली में आने वाली रूकावट या श्वसन संबंधी समस्याओं के बारे में जान सकते हैं। विसलिंग जैसी आवाज जब नवजात सांस लेने के दौरान सीटी की तरह आवाजें निकालता है तो इसका अर्थ है नवजात को सांस लेने में थोड़ी सी परेशानी हो रही है और श्वसन नली में छोटी सी रूकावट है जिसे नाक अच्छी तरह से साफ करके दूर किया जा सकता है।

नाक से हवा पास करना

नवजात सांस नाक से लेता है ना कि मुंह से। जब नवजात नाक से सांस लेने के दौरान हवा बाहर फेंकने लगे और तो ये विसलिंग नोज का ही पार्ट है लेकिन इस दौरान बच्चे को सांस लेने में सिर्फ हल्की सी परेशानी होती है।

रोते समय और चिल्लाते समय कफ आना

जब बच्चा रोने लगे या फिर चिल्लाएं तो उस दौरान यदि आवाज में गड़बड़ हो, आवाज कर्कश हो या फिर बलगम निकलें तो ऐसा श्वसन नली के मार्ग में बलगम फंसने से होता है। कई बार बच्चे के रोने के कारण समझ नहीं आते लेकिन नाक में समस्या होने के कारण भी बच्चे रोने लगते हैं।

सांस लेने के दौरान गडग़ड़ाहट जैसी आवाजें आना

जब बच्चा सांस लेने के दौरान गडगड़ाहट की आवाज करने लगे तो बच्चे की श्वसन नली में बड़ी परेशानी है और बच्चे को सांस लेने में बहुत जोर लगाना पड़ रहा है ऐसे में चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

कफ का अधिक बनना

जब कभी ऐसी स्थिति होती है तो बच्चे को खांसी-जुकाम की नौबत तक आ जाती हैं या फिर शिशुओं में छिंकने की समस्याएं होने लगती हैं, ऐसे में बच्चे का जल्द से जल्द उपचार करवाना चाहिए।

जल्दी-जल्दीं सांसे लेना या पसली चलना

कभी ऐसी परेशानी आने लगे तो बच्चे के फेफड़ों में कोई समस्या होने के कारण ऐसा हो सकता है। ऐसी स्थिति में बच्चे का पूरा उपचार करवाना चाहिए।

नवजात में श्वास संबंधी समस्याओं के कारण

बच्चे का समय से पूर्व होना

इसका अर्थ है बच्चा नौ महीने मां के गर्भ में गुजारने से पहले ही इस दुनिया में कदम रख चुका है। ये कारण नवजात में श्वास समस्या का बहुत बड़ा कारक है।

संक्रमण

कई बार मां के कारण बच्चे को भी इंफेकशन हो जाता है या फिर नवजात से मिलने वाले लोगों को किसी तरह का कोई संक्रमण होता है तो वह बच्चे में फैलने का डर रहता है।

निम्न ब्लड शुगर

यदि नवजात की मां गेस्टेशनल डायबिटीज से पीडि़त है तो नवजात में ब्लड शुगर की मात्रा में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिससे बच्चे को श्वास संबंधी समस्याएं होने की आशंका बढ़ जाती है।

आनुवांशिक कारण

कई बार मां को लंबे समय तक श्वास संबंधी समस्याएं रहती हैं जो कि नवजात को भी इफेक्ट कर सकती हैं।