एनीमिया से जूझ रहीं महिलाए

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एनीमिया से जूझ रहीं महिलाए
खून में आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है जिसे हम एनीमिया के नाम से जानते हैं। यह बीमारी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। आयरन हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं या रेड ब्लड सेल्स का निर्माण करता है। ये कोशिकाएं ही शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करती हैं, इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और क्योंकि हीमोग्लोबिन ही फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाता है इसलिए हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है और शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती। लोग एनीमिया को कोई बड़ी बीमारी नहीं मानते और इसे अनदेखा करते जाते हैं। लेकिन असल में इस बीमारी से जान भी जा सकती है।
 

एनीमिया क्या है?

वैसे तो एनीमिया अकेली कोई बहुत बड़ी बीमारी नहीं है, लेकिन यह कई बड़ी और जानलेवा बीमारियों की वजह से जरूर हो सकती है। जीवनशैली के साथ आहार संबंधी आदतों में होने वाला बदलाव इस समस्या के मुख्य कारण के रूप में सामने आ रहे है। बढ़ते बच्चों में, स्तनपान कराने वाली महिलाओं में और बीमार व्यक्तियों में एनीमिया का खतरा ज्यादा होता है। विश्वभर की लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं, और हमारे देश की लगभग 90 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीडि़त हैं।

 

एनीमिया के कारण

  • शरीर में आयरन की कमी
  • पेट में इंफेक्शन के कारण
  • खाने में कैल्शियम बहुत ज्यादा लेना
  • हरी सब्जियां न खाना
  • बहुत ज्यादा स्मोकिंग के कारण
  • किसी वजह से शरीर से बहुत खून बह जाने से
  • फॉलिक एसिड की कमी
  • विटामिन बी 12 की कमी (मेगालोŽलास्टिक एनीमिया)
  • फॉलिक एसिड और विटामिन बी12 की संयुक्त कमी (मैक्रोसाइटिक एनीमिया)

इसके अलावा कुछ गंभीर बीमारियों की वजह से भी एनीमिया होता है, जैसे कि

किडनी कैंसर : किडनी से इरिथ्रोपोयॅटीन नाम के हार्मोन का उत्पादन होता है जो अस्थिमज्जा को रेड-ब्लड सेल के निर्माण में मदद करता है। जिन लोगों को किडनी का कैंसर होता है उनके शरीर में इरिथ्रोपोयॅटीन हारमोन का निर्माण नहीं होता है और इसकी वजह से रेड-ब्लड सेल्स का बनना भी कम हो जाता है। जिसकी वजह से व्यक्ति को एनीमिया हो जाता है।

थैलिसीमीया : थैलिसीमीया आनुवांशिक एनीमिया होता है। इस प्रकार के एनीमिया में हीमोग्लोबिन अपेक्षित मात्रा में बनने के बजाय कम या ज्यादा बनने लगता है।

वायरल इंफेक्शन, कीमोथेरेपी : वायरल इंफेक्शन, कीमोथेरेपी और कुछ दवाएं लेने से भी बोनमेरो बुरी तरह से प्रभावित होती है। और इससे ब्लड सेल्स का निर्माण बिल्कुल कम हो जाता है। जिसकी वजह से एनीमिया होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं। इस तरह के एनीमिया को अप्लास्टिक एनीमिया कहते हैं।

विटामीन बी-12 की कमी : शरीर में विटामीन बी-12 की कमी से परनीशीयस एनीमिया होने की संभावना होती है। परनीशीयस एनीमिया ज़्यादातर शुद्ध शाकाहारी व्यक्तियों को और लंबे व़क्त से शराब का सेवन करने वालों को होता है।

रक्तस्राव से होने वाला एनीमिया : माहवारी (पीरियड्स) के दिनों में बहुत ज्यादा स्राव, किसी चोट या घाव से स्राव, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अल्सर, कोलन कैंसर आदि में लगातार धीरे-धीरे ख़ून रिसने से भी एनीमिया हो सकता है।

एनीमिया के लक्षण

  • शरीर में थकान
  • नाखून पीले पडऩा
  • उठने-बैठने और खड़े होने मे चक्कर आना
  • आँखों में पीलापन
  • काम करने का मन न करना
  • लेटकर उठने के बाद आँखों के सामने अँधेरा छाना
  • शरीर में तापमान की कमी
  • त्वचा में पीलापन
  • दिल की असामान्य और तेज धड़कन
  • सांस लेने मे तकलीफ
  • सीने मे दर्द
  • तलवों और हथेलियों में ठंडापन
  • लगातार रहने वाला सिर मे दर्द

एनीमिया से बचाव के तरीके

शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी के कारण हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है, जो एनीमिया कहलाती है। जीवनशैली, अनियमित खानपान और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतने के कारण यह बीमारी जन्म लेती है। यह बीमारी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। विश्व की लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं, और हमारे देश की लगभग 90 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं।